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SHUVENDRA MOHAN

Tragedy

4  

SHUVENDRA MOHAN

Tragedy

तो अच्छा होता !

तो अच्छा होता !

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याद तो आई पर वो न आये

जो वो भी आते तो अच्छा होता 


उनके दिए रुख़्सत को देख कर कुछ यूँ लगा 

जो ये भी साथ लेकर जाते तो अच्छा होता 


वो पल-पल का साथ तो वो ले ही गए

जो उस पल को भी साथ ले जाते तो अच्छा होता


न जाने क्या क्या सामान छोड़ गए वो मेरे पास

जो थोड़ी बेरुखी भी ले जाते तो अच्छा होता 


अब जो बेबसी सी बची है इस आंगन में

जो वो शाम-ओ-सुबह भी ले जाते तो अच्छा होता।


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