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Swati Grover

Tragedy

4  

Swati Grover

Tragedy

मेरा देश भी चल रहा है

मेरा देश भी चल रहा है

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हवा चल रही है,

मेरा देश भी चल रहा है।

पेड़ काटे जा रहे हैं,

जंगल जलाए जा रहे हैं,

प्रदूषण बढ़ रहा है

लालच और घूस की खाद से

भ्रष्टाचार का पौधा फल-फूल रहा है।

हवा चल रही है,

मेरा देश भी चल रहा है।

बढ़ती महँगाई ने कमर तोड़ रखी है,

चीजें बेचने के नाम पर लूट मचा रखी है।

आए दिन डकैती पड़ती रहती है,

वजह डाकुओं ने गरीबी बता रखी है।

लोग भूखे मरें तो मरें,

नेताओं का पेट तो भर रहा है।

हवा चल रही है,

मेरा देश चल रहा है।

आए दिन धमाके होते रहते हैं,

जिनके बच्चे बाहर हों,

वो माँ-बाप कहाँ चैन से सोते हैं?

कुछ गद्दारों के रहते,

हर रोज किसी-न-किसी

माँ का सपूत दुश्मनों की गोली

से मर रहा है।

हवा चल रही है,

मेरा देश भी चल रहा है।

हम उस देश के वासी हैं,

जहाँ के बच्चे अब रोटी नहीं बरगर खाते हैं।

खिलौने भी चीन से मँगवाते हैं,

विदेशी कपड़े पहनकर इतराते हैं।

मल्टी-नेशनल के नाम पर फिर से

अंग्रेजियत हमारी तरफ बढ़ रही है,

हवा चल रही है,

मेरा देश भी चल रहा है।


कितनी भी गरमी-सर्दी या हो बरसात,

हवा हमेशा चलती रहती है।

कभी महसूस ही न हो,

फिर भी मौजूद रहती है।

लूट-मार चोरी डकैती,

महँगाई और आतंकवाद से जूझते हुए

मेरा देश उन्नति तो कर रहा है

हवा चल रही है न,

मेरा देश चल रहा है।



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