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Dippriya Mishra

Tragedy

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Dippriya Mishra

Tragedy

ज़ख्म

ज़ख्म

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ज़ख्म कई प्रकार के होते हैं

एक वो है जो जिस्म पर दिखाई देता है।

थोड़ी तकलीफ देता है पर

औषधियों के असर के उपरांत,

जल्दी ही भर जाता है।


कुछ जख्म़ रूह पर लगे होते हैं।

छोटे-छोटे ज़ख्मों के बीच 

एक बड़ा ज़ख्म

जबरन अपनी जगह बना लेता है

और यह जख्म किसी औषधि से

 ठीक नहीं होता।


पकता है ,खून और मवाद निकलता है।

थोड़ा आराम आता है , मगर यह क्षणिक 

घाव सूखता नहीं....

पुनः पकने की प्रक्रिया में शुरू हो जाती है

धीरे-धीरे रिसता है 

टीसता रहता है उम्र भर ये ज़ख्म !


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