ख़्वाब संजोए
ख़्वाब संजोए
आओ मिलकर कोई ख़्वाब संजोए।
कांटों भरी डाली पर गुलाब संजोए।।
बेकार के मसले में तुम मत उलझो,
दो पल के जीवन में कुछ खिताब संजोए।
ये जुगनू हैं चमकेंगे कुछ देर अंधेरे में,
राहें रोशन करने को महताब संजोए।
बेनूर जिन्दगी में भी दो पल हो नूरानी,
रंग तितलियों की तारों का आब संजोए।
ये इश्क है एक तूफानी दरिया जानां ,
समंदर दिल में कितने इज़्तिराब संजोए।