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Rishabh Tomar

Romance Fantasy Others

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Rishabh Tomar

Romance Fantasy Others

ह्रदय का महल

ह्रदय का महल

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मैं तुझे प्यार की, इक गजल दे रहा 

चाह की प्यारी पहली, पहल दे रहा


जिंदगी मेरी तुम पर शुरू और खत्म जानकारी

ये दिल की,असल दे रहा


तेरा दिल कर लिया मैंने अपना प्रिये

अपने दिल से तेरा दिल बदल दे रहा


छोड़ो चिंता महल झोपड़ी की प्रिये

तुम को रहने ह्रदय का महल दे रहा


थाम लो हाथ मेरा मेरी हम सफर आज के संग तुम्हें

अपना कल दे रहा सांसें धड़कन ह्रदय आंख के संग प्रिये


अपना सब कुछ मेरे साथ चल दे रहा तुम हो

अर्धांगिनी मैं तेरा अर्द्ध अंग इसलिए तप का

तुमको में फल दे रहा।


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