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Neha khetan

Abstract

3  

Neha khetan

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दो प्यारी बातें

दो प्यारी बातें

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कुच पल ठहर कर ,

हमसे भी दो प्यारी बातें करो |

कभी खुद से भी ज्यादा ,हमसे तुम प्यार करो ।


रुठने मनाने की हमजोलियों मे ,

हमे भी कभी तुम शामिल करो।

छोटी कुछ खुशियाँ ,किसे कहानियाँ ,

हमसे भी कभी तुम बयाँ करो।


हसते रुलाते साथ हमारे ,

तुम आगे भडों।

अपने खयालों मे ,अनजानी राहों मे ,

हम से भी कभी तुम प्यार , करने की हिमाकत करो।


कुछ दुर चलकर ,पीछे मुड़कर ,

हमें भी कभी तुम याद करो |

दो पल ठहर कर कुछ प्यारी बातें करो।


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