दो प्यारी बातें
दो प्यारी बातें
कुच पल ठहर कर ,
हमसे भी दो प्यारी बातें करो |
कभी खुद से भी ज्यादा ,हमसे तुम प्यार करो ।
रुठने मनाने की हमजोलियों मे ,
हमे भी कभी तुम शामिल करो।
छोटी कुछ खुशियाँ ,किसे कहानियाँ ,
हमसे भी कभी तुम बयाँ करो।
हसते रुलाते साथ हमारे ,
तुम आगे भडों।
अपने खयालों मे ,अनजानी राहों मे ,
हम से भी कभी तुम प्यार , करने की हिमाकत करो।
कुछ दुर चलकर ,पीछे मुड़कर ,
हमें भी कभी तुम याद करो |
दो पल ठहर कर कुछ प्यारी बातें करो।
