Neha khetan
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लिखने का शौक तो हमे भी है,
पर कभी वक्त की कमी है,
तो कभी ग़मों की।
शब्दों से प्यार तो हमे भी है,
पर कभी जज्बातों की फिकर है,
तो कभी अपनों से पराये होने का डर।
स्याही की ताकत का एहसास तो हमे भी है,
बस एक मौके की तलाश है,
और क्रांति का इंतज़ार ।
कैसी ये विपदा...
वक्त के हाथों...
शौक
दो प्यारी बात...
बचपन
ये शहर नहीं
मुखौटा
उम्मीद