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Shekhar Rath

Tragedy Fantasy

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Shekhar Rath

Tragedy Fantasy

दहशत

दहशत

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आँखों में दहशत मची जा रही हे

हर दुआ मेरी नाकाम होती जा रही है। 


काँटों से भरा खूबसूरत बदन है उसका

पर ये तो मेरे गले से लिपटे जा रही है। 


दिल है कि धड़के जा रही है

उसको क्या पता वो तो मरने जा रही है। 


अब तो जन्नत में ही मुलाक़ात होगी 

तेरी तो 'रुह' भी मेरे पीछे आ रही है। 


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