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Shekhar Rath

Romance

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Shekhar Rath

Romance

मन्नत

मन्नत

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मन्नतों के दिए कभी बुझते नहीं

ये तो रंगे कुरबतों कि चाहत है कभी किसी को दिखते नहीं।


हर लम्हा मेरे दिलों दिमाग में बस तुम हो !

दूर से मुझे कोई पुकारे तो सोहबते आबाज से में पुछूं क्या ये तुम हो ?


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