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Shekhar Rath

Romance

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Shekhar Rath

Romance

दास्तां

दास्तां

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एक अनसुलझी

पहेली सी है वो,


अगर में सुलझा दूँ तो

एक सुंदर कविता बन जाए


चेहरे पर चमक,

होटों पे हँसी है उसकी।


औ एक हंसीं दास्तां है

जो मेरा प्यार बन जाए।


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