दास्तां
दास्तां
एक अनसुलझी
पहेली सी है वो,
अगर में सुलझा दूँ तो
एक सुंदर कविता बन जाए
चेहरे पर चमक,
होटों पे हँसी है उसकी।
औ एक हंसीं दास्तां है
जो मेरा प्यार बन जाए।
एक अनसुलझी
पहेली सी है वो,
अगर में सुलझा दूँ तो
एक सुंदर कविता बन जाए
चेहरे पर चमक,
होटों पे हँसी है उसकी।
औ एक हंसीं दास्तां है
जो मेरा प्यार बन जाए।