माँ की व्यथा
माँ की व्यथा
आँखें कल भी नम थी, आँखें आज भी नम हुई
वादा कर घर आने का वो निभा ना सका
चला गया वो मेरा बेटा छोड़कर मुझको
भारत माँ की गोद में
इस बार अपने वादे का पक्का निकला
देखो आज अंतिम बार तिरंगे में लिपट कर घर गया ।।01।।
कहता था मुझको माँ
जन्म दिया तुमने पाल-पोस कर बड़ा किया
पर भारत माँ ने संभाला है मुझको
रहता सीमा पर याद तेरी बहुत आती है माँ
धीरे-से चुपके-से भारत माँ गले लगती है
सहलाती समझती मुझे बातें बहुत किया करती है माँ
आगोश में भर लेती जब भारत माँ मुझको
एहसास तेरा होता मुझको माँ ।।02।।
पूछता था मुझको माँ
बाबा तो रोते नहीं ना मुझको याद करके
कहना उनको उनकी भी बहुत याद आती है मुझको
पर देख लेता हूँ उनकी छवि अपने साथियों में
माँ बताया था ना तुमको रामु काका के बारे में
नाम तो उनको रामचरण ओहदे से मेरे अफसर है
गलती से भी गलती हो जाये डाटते बड़े प्यार से है
बाबा की छवि देख उनमें खुश रहता हूँ मैं
कहना उनको बेटा उनका बहादुर है
एक सिर देने से पहले कई सिर काट आऊंगा
देखो आज फिर अपना वादा निभा आया है
सुलाए कई दुश्मन फिर चिर निंद्रा में सोया है ।।03।।
कहता था मुझको माँ
बहना की शादी में ढोल-नगाड़े बजवाऊंगा
खूब नाचूंगा और सबको नचाऊंगा
मेरी प्यारी बहना को अपने हाथों से ही मेहंदी लगाऊंगा
जब वो विदा होकर जाएगी एक भी आंसू नहीं बहाऊंगा
पर बेटा इस बार तो तू झूठा निकला
देख तेरी बहना की हालत अब भी तेरे आने के इंतजार में है
तू तो सो गया चिर निंद्रा में कैसे उसे समझाऊँ मैं
देख उठ सुन बेटा उसको क्या कह रही है वो
भाई वापस आ जा तेरे साथ रहना है
अपनी शादी में तेरे हाथों से ही मेहंदी लगवानी है ।।04।।
घर आते ही पूछता मुझको माँ
मेरे लँगोटिया यार कैसे..??
थोड़ी देर जाऊँ पास उनके बचपन बिता साथ जिनके
अरे देख बेटे आज खड़े यहाँ यार तेरे
आँखों में आँसू लिये हाथों में फूल लिये
इनसे किये वादे भी तोड़ गया तू
हँसते हँसते भारत माँ पर प्राण न्योछावर कर गया तू ।।05।।
अब तेरी बात माने कैसे..??
भारत माँ को छोड़ सबक वादे तोड़े है तुमने
हँसकर अलविदा कैसे करे तुझको
तुमने तो कहा था -
"जाऊँ जिस दिन इस दुनिया से तुम
रोना नहीं हँसकर अलविदा कह देना"
देख आज सब तेरी आन बान शान में खड़े है
हँस कोई नहीं रहा आँखों में आँसू लिये खड़े है
माफ करना बेटा तेरा इच्छा पूरी करना सकेंगे
आँखों से आँसू बहने से रोक ना सकेंगे ।।06।।
