हम दोनों
हम दोनों
1 min
348
हम-दोनों
किसी ग़ज़ल के
रदीफ क़ाफिया हैं।
दो मिसरें है...
जज़्बात हमारे।
इश्क़ हमारा
खूबसूरत मतला
हुस्न-ए-मतला,
मतला-ए-सानी है।
खुशी -गम, मिलन- जुदाई
रचे हैं शे'र सारे
बड़ी कठिन बहर है...
अडिग विश्वास हमारे
तकदीर बनी मक़्ता
जिंदगी पूरी ग़ज़ल हो गई।