तेरी मन्नत पर टूटा सितारा..
तेरी मन्नत पर टूटा सितारा..
गले लग कर एक बार जो हम रो लेते
दरमियां है जो शिकवे गिले धो लेते।
चांदनी पर पहरे घटाओं के गर न होते
कुछ ख्वाब तो नयना भी संजो लेते।
तेरी तस्वीर से हटती नही मेरी आंखें,
वरना सुकून की नींद आज तो सो लेते।
चाहत में पत्थर को कर देंगे देवता
चुन के फूलों से इक हार पिरो लेते।
किसी जन्म में भी मिलेगो मुझे तुम
यही सोच कर हैं जौ गंगा में बो लेते।
वादा नही कोई चांद तारे तोड़ने का
पर तेरी मन्नत पर टूटा सितारा हो लेते ।
मैं झरने सा था कब सागर हो गया,
नेह के बूंदों से सूखे कंठ हैं भिगो लेते।