शब्द
शब्द
शब्दों का क्या? कौन है ये?
क्या कहते है ये? किसको कहते है ये?
कभी लगता है की ये चहक रहे है
कभी ये कुछ संजीदा भी हो जाते है
क्या करे इनका जब ये मौन हो जाते है?
उस मौन में भी बहुत कुछ कह जाते है
शब्द कभी बेहूदे लगते है
कभी प्यारभरी बातें भी करने लगते है
कभी ये नफ़रत उगलने लगते है
क्या करे इनका?
कुछ समझ नहीं आता है
बोलने का सबूत भी नहीं छोड़ते है ये
कह के भी कभी ख़त्म नहीं होते है ये
दिल और दिमाग़ में बस छप जाते है
काट कर भी दिल को
इन्हें दिखाया नही जा सकता
कभी लगता है
क्यों नहीं चले जाते ये हमारी जिंदगी से
लेकिन फिर लगता है
क्या जी पाएंगे हम इनके बिना?
शब्द,तुम दिखते नहीं हो
लेकिन तुम्हारे वजूद का असर होता है
तुम्हें महसूस कर तुम्हारे मुरीद हो जाते है