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Lakshman Jha

Fantasy Others

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Lakshman Jha

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दिव्य मन

दिव्य मन

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मधुर -मधुर चाँदनी,

छिटका रही छवि,

कल्पना से भर ...उठी,

आज मेरी जिंदगी !

मधुर -मधुर चाँदनी ,

छिटका रही छवि ...!


मंद -मंद चुपके से,

बहता बयार है,

झरने की कलकल से,

कहता ये राग है !

मंद -मंद चुपके से,

बहता बयार है,

झरने की कलकल से,

कहता ये राग है !

आज हमें जीवन में....आज हमें जीवन में,

मिल गया यहीं सभी

आज हमें जीवन में,

मिल गया यहीं सभी !

मधुर मधुर चाँदनी ,

छिटका रही छवि !

कल्पना से भर उठी,

आज मेरी जिंदगी ....मधुर मधुर चाँदनी !


ये ऊँचे ऊँचे सर किये,

ये पर्वतों की श्रृंखला,

बन गए यहाँ की यह,

दिव्य जीव घोसला !

ये ऊँचे ऊँचे सर किये,

ये पर्वतों की श्रृंखला,

बन गए यहाँ की यह,

दिव्य जीव घोसला !

बार बार दिल कहे ....बार बार दिल कहे,

बार बार दिल कहे...रहना यहीं कहीं !


मधुर मधुर चाँदनी,

छिटका रही छवि,

कल्पना से भर ....उठी ,

आज मेरी जिंदगी !

मधुर मधुर चाँदनी

छिटका रही छवि .....मधुर -मधुर !!


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