दिव्य मन
दिव्य मन
मधुर -मधुर चाँदनी,
छिटका रही छवि,
कल्पना से भर ...उठी,
आज मेरी जिंदगी !
मधुर -मधुर चाँदनी ,
छिटका रही छवि ...!
मंद -मंद चुपके से,
बहता बयार है,
झरने की कलकल से,
कहता ये राग है !
मंद -मंद चुपके से,
बहता बयार है,
झरने की कलकल से,
कहता ये राग है !
आज हमें जीवन में....आज हमें जीवन में,
मिल गया यहीं सभी
आज हमें जीवन में,
मिल गया यहीं सभी !
मधुर मधुर चाँदनी ,
छिटका रही छवि !
कल्पना से भर उठी,
आज मेरी जिंदगी ....मधुर मधुर चाँदनी !
ये ऊँचे ऊँचे सर किये,
ये पर्वतों की श्रृंखला,
बन गए यहाँ की यह,
दिव्य जीव घोसला !
ये ऊँचे ऊँचे सर किये,
ये पर्वतों की श्रृंखला,
बन गए यहाँ की यह,
दिव्य जीव घोसला !
बार बार दिल कहे ....बार बार दिल कहे,
बार बार दिल कहे...रहना यहीं कहीं !
मधुर मधुर चाँदनी,
छिटका रही छवि,
कल्पना से भर ....उठी ,
आज मेरी जिंदगी !
मधुर मधुर चाँदनी
छिटका रही छवि .....मधुर -मधुर !!
