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bhavi tiwari

Romance Fantasy Inspirational

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bhavi tiwari

Romance Fantasy Inspirational

जिस्म से जिस्म टकरा गया

जिस्म से जिस्म टकरा गया

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आंख मेरी आज जैसे लगी

खूबसूरत उनका ही ख्याल आ गया

ढूँढती रही थी जिसे जाने कब से

वो खोया हुआ इतने दिनों के बाद आ गया

सब्र करती रही जिंदगी भर यूं ही

आज छूटा हुआ हाथों में हाथ आ गया

उसके जैसा ना है और न होगा कभी

हारकर खुदा का भी जवाब आ गया

हम कदम बन के खोने लगे जो कदम

आंख खुलते ही उनका इज़हार आ गया

दिल धड़कता रहा सांसें थमने लगी

जिस्म से जब जिस्म टकरा गया



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