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bhavi tiwari

Drama Inspirational

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bhavi tiwari

Drama Inspirational

मन मोहन

मन मोहन

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ऐसे मूक प्यार का भेद सजन

बिन तुम्हरे कहा ना जाए

यादों के निर्मल घाव सजन

बिन तुम्हरे किसे दिखाए


बैठी हूं तृप्ति मिले मुझको

जो मनमोहन दरस दिखाए

आ जाओ थाम लो मुझको

आखों के अश्क बुलाए


एक दर्द सा उठता है दिल में

कौन इसका मरहम लाए

एक प्यास सी उठती है मन में

वो बांसुरी मधुर सुनाए।


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