STORYMIRROR

bhavi tiwari

Fantasy Inspirational

3  

bhavi tiwari

Fantasy Inspirational

लव यू जिंदगी

लव यू जिंदगी

1 min
120

आज जब फिर जिंदगी को देखा


मुझे देख का वो मुस्कुरा रही थी


बेमोल है जैसे चाबी ताले के बिना


मुस्कान के बिना मुझे बेमोल बता रही थी


आज एक अरसे के बाद बस सुन रही थी उसे


और वो कानों में कुछ गुनगुना रही थी


झलक ही उठे दिल के गुबार आंखों से


और वो मेरे आंसुओं को पिए जा रही थी


क्यूं इस कदर तू सताती है हर पल मुझे


कभी न खोने पाए खुशियों की चाबी


एक ऐसा ताला वो मेरे लिए बना रही थी


ये जिंदगी कितनी खूबसूरत है 


आज वो मुझे समझा रही थी


वो बोली मैं तो तुझे जीवन का पाठ पढ़ा रही थी


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy