लव यू जिंदगी
लव यू जिंदगी
आज जब फिर जिंदगी को देखा
मुझे देख का वो मुस्कुरा रही थी
बेमोल है जैसे चाबी ताले के बिना
मुस्कान के बिना मुझे बेमोल बता रही थी
आज एक अरसे के बाद बस सुन रही थी उसे
और वो कानों में कुछ गुनगुना रही थी
झलक ही उठे दिल के गुबार आंखों से
और वो मेरे आंसुओं को पिए जा रही थी
क्यूं इस कदर तू सताती है हर पल मुझे
कभी न खोने पाए खुशियों की चाबी
एक ऐसा ताला वो मेरे लिए बना रही थी
ये जिंदगी कितनी खूबसूरत है
आज वो मुझे समझा रही थी
वो बोली मैं तो तुझे जीवन का पाठ पढ़ा रही थी।