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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Fantasy Inspirational

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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Fantasy Inspirational

नारी क्या नहीं कर सकती है...?

नारी क्या नहीं कर सकती है...?

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नारी क्या नहीं कर सकती है....? 

सूने घर में रौनक ला सकती है 


बिगड़ते हुए घर को सम्भाल सकती है l

उजड़े हुए घर को बसा सकती है 


चारदीवारी को घर बना सकती है ll

पत्नी बनकर पति के कंधे से कंधा मिलाकर चल सकती हैl 


निराशावादी पति को आशावादी बना सकती है l

पति के कंधे का बोझ हल्का कर जिम्मेदारी निभा सकती है ।।


अपने अच्छे व्यवहार से ससुराल और पीहर को जोड़ सकती है ll

माँ बनकर बच्चों की अच्छी परवरिश कर सकती है l


उच्च शिक्षा दिलवाकर समाज का सहायक बना सकती है l

बच्चों की हर परेशानी में उसका उत्साह बढ़ा कर उसे साहसी बना सकती है l


बच्चों के हर सुख–दुख में साथ देकर उसका हौसला बढ़ा सकती है ll

नारी घर के सारे काम से लेकर नौकरी भी कर सकती है l


समाज में अपना स्थान प्राप्त कर 

पूर्वजों का नाम रौशन कर सकती है l


जो पुरुष नहीं कर सकते वो भी कर सकती है, 

बच्चों को जन्म देकर वंश को आगे बढ़ा सकती है ll


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