STORYMIRROR

Sudhir Srivastava

Abstract

4  

Sudhir Srivastava

Abstract

आत्मनिरीक्षण

आत्मनिरीक्षण

1 min
359

आत्ममुग्धता छोड़िए

और विचार संग आत्मचिंतन कीजिए

आत्मनिरीक्षण भी कीजिए,

अपने आसपास का वातावरण

अपने मन की आंखों से देखिए


खुद को खुदा या शहंशाह 

समझने की खोल से बाहर निकलिए,

आत्मनिरीक्षण कर मन का मैल साफ करिए

मन के वातावरण को सुंदर, सुखद बनाइए।


जो सबकी आंखों को सूकून और

मन को शीतलता प्रदान करे

और तुम्हारे अंदर घुसपैठिया बनी दुर्भावना को

तुमसे दूर करे और फिर पास फटकने भी न दे

तुमसे आत्मनिरीक्षण की एक कोशिश करिए


और सारी दुर्भावनाओं का 

सदा सदा के लिए अंत करिए। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract