कभी तो आओ मोहन
कभी तो आओ मोहन
कभी तो आओ मोहन,
अपनी सूरत दिखलाने को,
श्याम ओ मोहन, तुझ संग प्रीति,
इस मन से उस मन को जीती,
ऐसे तुम ना तरसाओ,
अपनी सूरत दिखलाने को....
ये जो मीत, सखा हैं तुम्हारा,
तुम बिन हैं ये हारा हारा,
ऐसे तुम ना तड़पाओ,
अपनी सूरत दिखलाने को....
मुरली मनोहर मुरली वाले,
अपनी बंसी मधुर बजा रहे,
ऐसी तुम धुन तो सुना दो,
अपने दर्शन दिखलाने को....
एक मझधार फंसी मेरी नैय्या,
तुम हो उस नैय्या के खिवैया,
पार लगा दो हमको,
दर्शन दिखला दो मोहन प्यारे,
ये सुर तेरी धारा में बहता,
हर शब्द में तू ही रहता,
ऐसी कृपा करो तुम,
अपनी सूरत दिखलाने को.......
