इस रचना में रिमझिम की गिरती बूँदों ने कैसे एक स्त्री को अपने बंधनों में से बाहर निकल आने के लिए प्रे... इस रचना में रिमझिम की गिरती बूँदों ने कैसे एक स्त्री को अपने बंधनों में से बाहर ...
हर बात में मेरा नाम लेना और हर बार बस यही कहना मुझे तुम से मोहब्बत नहीं सच मे तुम बताओ ना कहीं त... हर बात में मेरा नाम लेना और हर बार बस यही कहना मुझे तुम से मोहब्बत नहीं सच मे...
वो अंतरंग घड़ियाँ उसे याद करती हैं, ये चादर की सिलवट भी फरियाद करती है, वो अंतरंग घड़ियाँ उसे याद करती हैं, ये चादर की सिलवट भी फरियाद करती है,
कोई जगह कोई दहर हो जहाँ वक़्त न पंहुचा हो अभी भी बेवक़्त पहुँचेंगे वहाँ और बैठे रहेंगे सोचा क... कोई जगह कोई दहर हो जहाँ वक़्त न पंहुचा हो अभी भी बेवक़्त पहुँचेंगे वहाँ और ...
आज भी कई बार, मेरे सपनो में आते हो तुम, हर बार एक नई, उम्मीद जगा देते हो तुम...! आज भी कई बार, मेरे सपनो में आते हो तुम, हर बार एक नई, उम्मीद जगा देते हो तुम...!
कुछ हसरतों के धागों की चद्दर बुनी नक्काशी भी की जज़्बातो से रेशमी सिरे जोड़कर सिनी चाही एक तंग चोल... कुछ हसरतों के धागों की चद्दर बुनी नक्काशी भी की जज़्बातो से रेशमी सिरे जोड़कर ...
गिला तुझसे भी अब क्या करूँ जब इश्क़ तुझे हुआ नहीं। गिला तुझसे भी अब क्या करूँ जब इश्क़ तुझे हुआ नहीं।
देखा होता है उसने, सभ्यताओं को बसते और ढहते, बस्ती को गाँव, गाँव को नगर, नगर को महानगर बनते, ख़ु... देखा होता है उसने, सभ्यताओं को बसते और ढहते, बस्ती को गाँव, गाँव को नगर, नगर ...
क्या तुम चलोगे मेरे साथ वहाँ, जहाँ कैद हैं ख़्वाब और ख़्वाहिशें, ऊँची दीवारों से टकराकर, वापस लौट... क्या तुम चलोगे मेरे साथ वहाँ, जहाँ कैद हैं ख़्वाब और ख़्वाहिशें, ऊँची दीवारों ...
'कांपती पत्ती गुलाब की, यूँ अधरों को में रूप देता, फिर सिखा तुझे नाम अपना, तुझसे नया सा सुन लेता।' ए... 'कांपती पत्ती गुलाब की, यूँ अधरों को में रूप देता, फिर सिखा तुझे नाम अपना, तुझसे...
अच्छा लगता है मुझे तुम्हारा यह जताना कि तुम्हारा अधिकार है मुझ पर कि तुम्हारे भिगोए हुए मन पे बल... अच्छा लगता है मुझे तुम्हारा यह जताना कि तुम्हारा अधिकार है मुझ पर कि तुम्हारे...
अपनेआप को भूल प्रेमिका को ढूँढने की कोशिश करता है ! हर स्थान पर उसे ही तो ढूंढ़ता है। अपनेआप को भूल प्रेमिका को ढूँढने की कोशिश करता है ! हर स्थान पर उसे ही तो ढूंढ़त...
उगते फूल आमों पर आती बहारें आमों की घनी छाँव तले पशु- पक्षी बना लेते शादी का पांडाल ये ही तो है ... उगते फूल आमों पर आती बहारें आमों की घनी छाँव तले पशु- पक्षी बना लेते शादी का ...
टूटे ख़्वाबों के शीशे फिर जुड़ने लगे हैं, लू की थपेड़ों से राहत मिली है, देखो ज़रा फिर से ठंडी ... टूटे ख़्वाबों के शीशे फिर जुड़ने लगे हैं, लू की थपेड़ों से राहत मिली है, देख...
तेरे नयनों के सागर में डूब जाने को जी चाहता है, तेरे नयनों के सागर में डूब जाने को जी चाहता है,
प्यार की इंतहा को दर्शाती कविता जिसमें खुद से अधिक प्रेमिका से प्रेम है। प्यार की इंतहा को दर्शाती कविता जिसमें खुद से अधिक प्रेमिका से प्रेम है।
मेरी मम्मी और सभी की मम्मी किसी ने निकाली नहीं आज तक एक आवाज़ कि काम ज्यादा या मैं थक गई पूरी ज़िदग... मेरी मम्मी और सभी की मम्मी किसी ने निकाली नहीं आज तक एक आवाज़ कि काम ज्यादा या ...
'मेरी कहानी मैं तुम्हें महल नहीं मिट्टी के घर मिलेंगे,चबूतरे पर लकड़ी की चारपाई और कुछ लोग बेघर मिलें... 'मेरी कहानी मैं तुम्हें महल नहीं मिट्टी के घर मिलेंगे,चबूतरे पर लकड़ी की चारपाई औ...
कि स्थूल से सूक्ष्म में परिवर्तित हो जाऊँ मैं, कि रचना और रचयिता का भेद मिट जाए ! कि स्थूल से सूक्ष्म में परिवर्तित हो जाऊँ मैं, कि रचना और रचयिता का भेद मिट जाए...
कुछ गाँव था, ताल-तलैय्या थे, कुछ वृक्ष थे मेरी झोली में यादों में जो बह कर जाते तो अच्छा होता ! कुछ गाँव था, ताल-तलैय्या थे, कुछ वृक्ष थे मेरी झोली में यादों में जो बह कर जाते...