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उन्स

उन्स

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इश्क़ था जो हुआ नहीं

चर्ख भी रुका नहीं


कहा मैंने सिर्फ तुमसे था

जो तुमने कभी कहा नहीं


रुका हुआ आज भी हूँ

किसी और के लिए रुका नहीं


इश्क़ था या उन्स था

अब कुछ बचा नहीं


जिया कभी मरा नहीं

हँसा कभी रोया नहीं


हुआ जो तब मुझको था

तुझे कभी हुआ नहीं


शब का पता नहीं

सहर भी हुआ नहीं


गिला तुझसे भी अब क्या करूँ

जब इश्क़ तुझे हुआ नहीं।।


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