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Ananya Singhal

Abstract Classics Inspirational

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Ananya Singhal

Abstract Classics Inspirational

भगवा

भगवा

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भगवा ! भगवा ! भगवा !

बहते हुए प्यार की धारा है 

भगवा सबसे पहले हैं आता 

भारतीय तिरंगे की शोभा बढ़ाता 


करोड़ों की जान बसती इसमें 

संतों का यह प्रिय रंग है 

लहराती ध्वजा हमारे एकता का प्रतीक है 

हवाओं में जब-जब इसका परचम लहराता है 


मेरे राम जी का धरती को संदेश आता है 

प्रिय राम जी को भाता है ये रंग 

हरदम रहना मिलके और एक दूजे के संग 

हमारी आन है भगवा 

हमारी शान है भगवा


सनातनियों के गौरव का प्रतीक है 

हममें कुछ बात है ये बात सटीक है 

रहे देश हमेशा उन्नती की राहों पर 

वहां बसेगे राम जी हमेशा के लिए आकर 

प्यार के गीत गाता रहे मेरा देश 

भगवा ध्वजा देती है ये संदेश 


आओ हम सब एक जुट हो जाए 

देश को फिर से राम जी के पास लाए।


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