स्पंदन श्वाँसों का तुम ही मेरे जीवन की प्रत्याशा हो। रसिया छलिया लिलहारी सखा तुम ग्वालिन गोप की आशा... स्पंदन श्वाँसों का तुम ही मेरे जीवन की प्रत्याशा हो। रसिया छलिया लिलहारी सखा तु...
मनवांछित फल देने वाली समाहित अन्दर करने वाली रूप करोड़ों बदलने वाली हे सतरूपा, हे महामाया तेरी ज... मनवांछित फल देने वाली समाहित अन्दर करने वाली रूप करोड़ों बदलने वाली हे सतरूपा...
कान्हाँ तेरी बाँसुरी रह रह कैं अचकाय। विपिन बजै श्रवनन परै रग रग मद लहराय।। कान्हाँ तेरी बाँसुरी रह रह कैं अचकाय। विपिन बजै श्रवनन परै रग रग मद लहराय।।
राम जी ! आवहु फिर इक बार। मात पिता कौं कंस त्रास दैं पीर को नहि उपचार। राम जी ! आवहु फिर इक बार। मात पिता कौं कंस त्रास दैं पीर को नहि उपचार।
हे री ! मन बिसरत नहिं बनवारी। जब तैं श्याम सिधारे मथुरा सुध तन मन सखी बिसारी। हे री ! मन बिसरत नहिं बनवारी। जब तैं श्याम सिधारे मथुरा सुध तन मन सखी बिसारी।
अर्पित भाव करौं हे महमायी। कृपा करौ जय शुभ फलदायी।। अर्पित भाव करौं हे महमायी। कृपा करौ जय शुभ फलदायी।।