जय माँ शारदे
जय माँ शारदे
नमन शारदे मात कौं , भरहु ज्ञान भंडार ।
विमल करो मति अंबिका, वंदन बारम्बार।।
चौपाई --
जय जय जय शारद महरानी।
वरदा शुभदा सब गुणखानी।।
ममता वत्सल मातु कृपाली।
गिरजा रमा तुमहिं माँ काली।।
तुम्हरी कृपा मूढ मति पावै।
अम्ब विमल कीरत नर गावै।।
वीणपाणि माला करधारी।
शुभ्र बसन माँ हंस सवारी।।
परी सुरन्ह पँह विपदा भारी।
भई सहाय तबहिं महतारी।।
अक्षर गिरा शब्द हौ तुमहीं।
बिना ज्ञान सूनो जग सबही।।
वेद प्रकाश भवानी मैया।
आरत हरौ शरण मँह छैया।।
विघ्नविनाशी जय सुखरासी।
मिटै कलेष कटे जम फांसी।।
छंद ताल लय भूषन तेरे।
ज्ञान पुँज के घने उजेरे।।
ज्ञान विवेकहीन पशु भांती।
शुभ जीवन को ज्ञान संगाती।।
वरदहस्त रखियो ब्रह्मानी।
करौं सृजन माँ हौं अज्ञानी।।
होहु सहाय त्रुटिन कौ छानौ।
कृपा दृष्टि वातायन तानौ।।
अर्पित भाव करौं हे महमायी।
कृपा करौ जय शुभ फलदायी।।
