बाल गीत
बाल गीत
चिंटू लाल चिंटू लाल।
करते घर में बहुत धमाल।।
कभी काठ का घोड़ा टिक टिक।
लकड़ी गाड़ी रेल की छुक छुक।।
बूढ़ी काकी देखें टुक टुक
थोड़ी हो हो थोड़ी चिक चिक।।
मुनिया सांझ को चांद दिखाए।
देखे चिंटू शोर मचाए।।
पापा दादी माँ जी आओ।
वो चंदा जी हमे दिलाओ।।
मैं भी उसके संग खेलूँगा।
उसको चंदा मामा मैं बोलूँगा।।
जून महीना गर्मी आई।
बंद किताबें बंद पढ़ाई।।
माँ जी नानी के घर जाना।
दूध मलाई आम भी खाना।।
बहुत हो गयी रात सुहानी।
सोओ चिंटू मुनिया रानी।।