STORYMIRROR

कवि काव्यांश " यथार्थ "

Children Stories Inspirational Children

4  

कवि काव्यांश " यथार्थ "

Children Stories Inspirational Children

मां से शिकायतें

मां से शिकायतें

2 mins
349

(अनाथ बच्चे की)

 मां से शिकायत,


आंखों में अश्रु लिए

नन्हा सा गोपाल

मां की तस्वीर से

कर रहा शिकायतें,

दुखी मन से 

हर दिशा में खोजता,

दर दर भटकता

अपनी मां को पुकारता।।


मां, ओ मां

तुम हो कहां, मां

कहां हो तुम मां,


देख तेरे लल्ला की

क्या हो गई हालत,

कल मेरे हाथों से

छीन कर रोटी 

रामू खा गया,

और‌ तेरा ये नन्हा लल्ला

रोता रोता पानी पीकर

भूखें पेट ही सो गया।


 ओ माँ, तुम कहाँ हो मां,

 किसे सुनाऊँ मैं अपना दुखड़ा?

देखो ना,

ठोकर खाकर

आज फिर मैं गिर गया हूं।

दर्द से कराहता

गली के नुक्कड़

में ही सो गया हूं।।


कोई न आया देने सहारा

न किसी ने हाथ बढ़ाया,

बस हँसते रहे मेरी बेबसी पर,

जैसे मैं कोई तमाशा बन गया हूं।।


भीड़ भरी इन गलियों में अकसर,

अकेला ही भटकता रहता हूँ,

सच मानो, तेरे आंचल की गर्मी

को अब मैं हरदम तरसता रहता हूँ।।


कल रात ठंडी हवाओं ने

बहुत रुलाया मुझे,

कोई नहीं था जो

कम्बल में सुलाए मुझे।।


कोई नहीं जो माथा चूमे,

गले से लगाकर,

कहे, "डर मत बेटा,"

यहाँ हर शख्स अजनबी है,

हर नजर लगती है धोखा।


माँ काश,

तेरा आँचल

अब भी मेरा

सिर ढँक पाता,

काश तेरा प्यार

मेरे सूने जीवन में

फिर लौट आता।


माँ, तुम हो कहाँ?

क्यों छोड़ गई मुझे

यूँ बेसहारा,

कोई नहीं जो थामे हाथ,

कोई नहीं जो देता साथ

कोई नहीं जो कहता—

"डर मत बेटा, मैं हूँ न तेरे पास।"


गली के मोड़ पर

कुत्तों की डर से गिर पड़ा,

पैरों में लगी चोट से

अब तक खून बह रहा,

पर किसी ने न पूछा

माँ, "तेरा बेटा,

दर्द से कितना कराह रहा ?"


भीख के दो टुकड़े मांगे,

तो गाली मिली,

धिक्कारा गया,

किसी ने मारा थप्पड़,

किसी ने धक्का मार

सड़क पर गिरा दिया।


माँ, अब कोई

लोरी नहीं सुनाता,

कोई आंचल नहीं

जो मेरे आंसू छुपाए,

सर्द रातों में कोई नहीं जो,

बांहों में भरके मुझे सुलाए।


कभी तेरी गोद में, मैं सोता था,

पर अब फुटपाथ ही मेरा बिस्तर है,

पहले सपने तुझमें बसते थे,

अब आँखों में बस खंजर है।


 माँ, देख तेरे लाल को,

अब दुनिया से अकेले ही लड़ना है,

हर दर्द का घूँट पिकर,

हर जख्म को खुद ही भरना हैं।


 माँ, क्यों चली गई तू?

छोड़ मुझे इस दुनिया के हवाले?

अब कोई जवाब मत देना,

बस एक बार लौट आना—

मुझे सीने से लगाना...





Rate this content
Log in