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कवि काव्यांश " यथार्थ "

Classics Inspirational Children

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कवि काव्यांश " यथार्थ "

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नवोदय - गर्व हमारा

नवोदय - गर्व हमारा

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🎶 नवोदय गीत 🎶


🌸
जहां नव भविष्यों का होता नव निर्माण,
जहां उमंगों से सजता हर प्रांगण महान।
जहां प्रतिभाशालीयों का होता उदय,
जहां चलते सभी संग- संग, एक ही लय।
✨ वो है विद्या मंदिर स्वरूप –हमारा नवोदय। ✨


नवोदय! नवोदय! हैं गौरव हमारा,
ज्ञान-संस्कार का दीपक प्यारा।
भारत मां का हम अभिमान,
हम सबकी हैं पहचान –
अपना प्यारा हिंदुस्तान !


यहां मेहनत का गूंजे स्वर,
यहां सपनों का होता सफर।
गांव-गांव से आए नन्हें सिपाही,
राष्ट्र सेवा का लेतें संकल्प यही।


🎵
नवोदय! नवोदय! हैं गौरव हमारा… 🎵

नई आशाओं का दीप जलातें
स्वप्न को साकार करतें
हर कक्षा में नई आशा,
हर पुस्तक में उज्ज्वल भाषा।
सच्चाई, सेवा, त्याग, समर्पण साथ,
भारत को रोशन कर देते नई सौगात।

🎵
नवोदय! नवोदय! हैं गौरव हमारा… 🎵


आओ मिलकर कदम बढ़ाएं,
ज्ञान दीपक जग में जलाएं।
एकता का संदेश फैलाएं,
भारत माता का मान बढ़ाएं।


🎵
नवोदय! नवोदय! हैं गौरव हमारा,
ज्ञान-संस्कार का दीपक प्यारा।
भारत मां का हम अभिमान,
हम सबकी हैं पहचान–
अपना प्यारा हिंदुस्तान!
🎵



स्वरचित, मौलिक, अप्रकाशित रचना 
लेखक :- स्वाप्न कवि काव्यांश "यथार्थ"  
            विरमगांव, गुजरात।


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