एक अजन्मी बेटी की पुकार
एक अजन्मी बेटी की पुकार
एक अजन्मी बेटी की पुकार ( नारंगी रंग)
बाबा मैं आपकी निर्दोष और मासूम बेटी हूं
जो बेचैन है तुम्हारे घर में कदम रखने के लिए
बताइए ना क्या आप मुझे जन्म देंगे
क्या मेरे आने पर तुम्हें खुशी होगी?
शायद नहीं क्योंकि बेटी एक अभिशाप है
लेकिन मैं आपसे वादा करती हूं कि
मैं कभी भी तुम्हारे दुख का कारण नहीं बनूंगी
नटखट बचपन क्या होता है
मैं भी उसका भरपूर आनंद लेना चाहती हूं
तुम्हारी बांहों में झूलना चाहती हूं
आसमान में झिलमिलाते तारे और मुस्कुराता हुआ चांद को
क्षितिज में रंग बिखेरता हुआ इंद्रधनुष को
अपनी आंखों से निहारना चाहती हूं
यदि तुम मुझे अपने दयालु हृदय में प्रवेश करने दो
बाबा क्या तुम मुझे भैया जितना ही प्यार करोगे ना
मुझे ना चांद चाहिए ना सितारे चाहिए
बस तुम्हारे कंधों पर बैठकर उनको देखना चाहती हूं
बाबा क्या मेरा यह सपना पूरा होगा
नदी के तट पर तुम्हारा हाथ थाम कर
देखना चाहती हूं रंग बिरंगी मछलियों की शरारत
कल कल बहती जल की धारा को छूना चाहती हूं
बस एक बार मुझे अपने आंगन में कदम रखने दो
उपवन में कलियों की महक
मतवाली बसंत ऋतु का खिलना
हिमालय से चली बर्फीली हवाओं की सरसराहट को
मैं भी महसूस करना चाहती हूं
पत्तों की झनझनाहट सुनना चाहती हूँ
मौसम की झंकार महसूस करना चाहती हूं
मैं अपने बाबा के साथ हर पल का आनंद लेना चाहती हूं
बस एक बार इस कली को अपने आंगन में खिलने दो
सावन में नाचता मोर, कोयल की मधुर ध्वनि
बरगद की छांव में चहचहाती गौरैया
मैं हर चीज़ का आनंद लेना चाहती हूं
मेरे प्यारे, दयालु और देखभाल करने वाले बाबा
मैं वादा करती हूं कि आपको कभी निराश नहीं करूंगी
और ना ही तुम्हें कभी अपमानित होने दूंगी
और हां कभी जन्मदिन का उपहार भी नहीं मांगूंगी
और ना ही बार्बी डॉल की जिद करूंगी
देखना एक दिन तुम्हें भी गर्व महसूस होगा
अपनी अजन्मी लाडली को जन्म देकर
बाबा अगर तुम मेरे लिए
अपने दयाल हृदय के दरवाजे खोल दो
लेकिन बाबा आप भी ये वादा करो कि
तुम इस कली को कभी मुरझाने नहीं दोगे
इससे पहले कि मैं तुम्हारे बगीचे में महकूं
मैं बहुत उत्साहित हूं
मैं बहुत आनंदित हूं
तुम्हारे आंगन में खिलने के लिए व्याकुल हूं
बाबा क्या आप मुझे भी वही लाड प्यार देंगे जो भैया को देते हैं?
क्या मेरे गुलाबी गालों को तुम
अपनी कोमल उंगलियों से गुदगुदाओगे?