मां से प्रार्थना
मां से प्रार्थना
एक अनाथ बच्चे द्वारा - मां से प्रार्थना।।
माँ, ओ माँ
जब तू नहीं,
तो हर राह मुझे
अजनबी सी लगती है।।
माँ, ओ माँ
जब तू नहीं
तेरी लोरी की
मीठी गूंज बिन
हर शाम भी
अधूरी सी लगती है।।
माँ, ओ माँ
जब तू नहीं
तेरी तस्वीर के आगे,
मैं अपना सिर
झुकाए रहता हूं।।
माँ, ओ माँ
जब तू नहीं
तो तेरी तस्वीर संग
बातें किया करता हूं।।
माँ, ओ माँ
जब तू नहीं
तो हर लम्हा,
वीराना सा और
हर पल खाली
खाली सा लगता है।।
माँ, ओ माँ
जब तू नहीं
तेरी ममता की छाँव,
बिन, ये बचपन भी
अधूरा सा लगता हैं।।
माँ, ओ माँ
जब तू नहीं
तेरे बिन ये घर भी
जैसे खामोश कहानी
सा लगता है।।
माँ, ओ माँ
जब तू नहीं
तो ये दीवारें भी
खामोशी से
तकती रहती,
तेरी यादों की
रवानी सा लगता है।।
माँ, ओ माँ
जब तू नहीं,
तो रोशनी भी
धुंधली सी लगती है।।
माँ, ओ माँ
जब तू नहीं,
लोग हजारों दुनिया में,
पर फिर भी ये दुनिया
सूनी सूनी लगती हैं।।
माँ, ओ माँ
गर, तू होती तो
हर दर्द भी मैं
हँसकर सह लेता।।
माँ, ओ माँ
गर, तू होती तो,
तेरी गोद की छाया
पाकर मैं हर
तूफां से लड़ लेता।।
माँ, ओ माँ
अब बस
तेरी यादों का
एक दीप जलाए बैठा हूं,
तू नहीं,
पर तेरा प्यार
लिए मैं दुनिया
निभाए बैठे हैं।।
माँ, ओ माँ
हर राह निर्जन सी,
हर खुशी अधूरी सी लगती हैं,
तेरी लोरी की वो मिठास,
अब बस यादों में ही बसती हैं।।
माँ, ओ माँ
तेरी ममता का वो आँचल,
साया बनकर रह गया,
बिन तेरे ये घर भी अब,
एक खाली मकाँ सा
रह गया।।
माँ, ओ माँ
हर बात पे
तेरा समझाना,
हर डर पे
तेरा सहलाना,
पर अब खुद ही खुद
को समझाना है,
तेरी कमी में
मुस्काना पड़ता है।
तूने कहा था
कभी मेरे जाने का
कोई ग़म न करना,
अपनी आंखों को कभी
मेरी यादों में
नम न करना।।
