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Ananya Singhal

Inspirational

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Ananya Singhal

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पृथ्वी की धरोहर: जलधाम

पृथ्वी की धरोहर: जलधाम

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गीता के श्लोक के अर्थ जितने गहरे 

सबके दिलों पे राज करने वाले 

प्यार से कहलाते हो समुद्र 

समाया है तुम में सारा जहाँ 

मानो जैसे खुद विष्णु प्रकट हुए हो 

छोटे से छोटा, बड़े से बड़ा 

जीव खुश रहता यहाँ 

लगता है जैसे हो तुम कोई चुंबक 

खींचा चला आए 

जो देख ले तुम्हें एक बार 

इतने विशाल हो फिर भी निर्मल हो 

दयामयी प्यार का गीत हो 

पांव टीके तुम्हारे धरती पर 

देते मानवता का ज्ञान 

गीत के तुम मधुर संगीत हो 

वाद्य से निकलने वाली धुन 

शांति मिलती सबको 

जो आता तुम्हारे द्वार 

शब्दों में कैसे बयां करे 

अमृत सा रूप है 

धरती की गोद में बसा 

सोने का टुकड़ा 

लाखों को तुमने सजाया है 

हर की तृष्णा को गले लगाया है 

तभी तो नाम सागर पाया है 

करेंगे सेवा मरते दम तक 

रिश्ता है हमारा जन्म जन्म तक 



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