STORYMIRROR

Ananya Singhal

Inspirational

3  

Ananya Singhal

Inspirational

विजयी भव

विजयी भव

1 min
303

सागर अंजुली में भर

नभ को भी छोटा कर

छोड़ कर सब उधेड़ बुन

स्वप्न नित्य नवीन बुन

एक कर दे धरती गगन

बड़ा बन तू बड़ा बन


होता कई जन्मों का फल

सौभाग्य, सुअवसर, श्रम

करते सभी प्रतीक्षा प्रयत्न

योग्य योगी ही होते धन्य

एक कर दे धरती गगन

बड़ा बन तू बड़ा बन


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational