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मानव सिंह राणा 'सुओम'

Classics

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मानव सिंह राणा 'सुओम'

Classics

मैं मजदूर

मैं मजदूर

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हमको आज बताये कौन

हमको आज बचाये कौन


जीवन हैं संघर्ष हमारा

हमको गले लगाए कौन


मजदूरी है भाग्य हमारा

हमको साथ बढ़ाये कौन


तुम ही मेरी भगवद्गीता

तुमको ये समझाए कौन


अपना बताकर यूँ भटकाना

हमको नाँच नचाये कौन


तुम पैसे वाले हो लेकिन 

अब मेरा मान बढ़ाये कौन


चुभते शब्द मैने झेले हैं

मुझसे प्यार निभाये कौन


मैं मजदूरी करता रहता

मुझसे अब बतियाये कौन।


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