दूरियां
दूरियां
प्यार कुछ इस तरह से निभाया मैंने।
होठों पे तेरा नाम कभी ना लाया मैंने।
चाहा भी तूने था, छोड़ा भी तूने था।
पर बेवफाओं में तेरा नाम कभी ना लिखवाया मैंने।
रुसवा ना हो जाए तू जमाने में कहीं
तेरी गली की तरफ भी कभी कदम ना बढ़ाया मैंने।
वह कौन सा पल है जब मैंने तेरी खुशहाली की दुआ ना की हो।
प्यार तुझे कल भी मुझसे था और आज भी मुझसे ही है
इसके सिवा भी कुछ और हो सकता है यह कभी ना माना मैंने।
दिन महीने साल भले ही बरसों बीत गए।
तू जीवन के उस मोड़ पर थी ,
और हम दूसरे मोड़ पर चले गए।
चलते हुए अपनी अपनी राहों पर माना हम बहुत दूर हो गए।
लेकिन मन जानता है कि अलग रहके सिर्फ उम्र बिताई है हमने।
असल में तो मन से तो एक दूसरे को दूर कभी ना माना मैंने।