ये नौनिहाल हैं जो आगे बढ़ रहे हैं, नए हाथ से वर्तमान गढ़ रहे है... ये नौनिहाल हैं जो आगे बढ़ रहे हैं, नए हाथ से वर्तमान गढ़ रहे है...
रूपांतरित कर देना का सब कुछ खुद सा सब कुछ स्वीकार करते हुये। रूपांतरित कर देना का सब कुछ खुद सा सब कुछ स्वीकार करते हुये।
बहन की सारी खुशियाँ घूँघट में रह जाती हैं, बहन की सारी खुशियाँ घूँघट में रह जाती हैं,
शरीर में घुलना और मन्जिल का पास आ जाना। शरीर में घुलना और मन्जिल का पास आ जाना।
भाई को ही अपने भाई से अब होने लगा है द्वेष भाई को ही अपने भाई से अब होने लगा है द्वेष
नव सूर्य उम्मीदों का है संग संग मेरे सदा लड़ना है हर झंझा से खानी नहीं मुझे मात नव सूर्य उम्मीदों का है संग संग मेरे सदा लड़ना है हर झंझा से खानी नही...