ऐसी ये जिंदगी
ऐसी ये जिंदगी
जिन्दगी से पहचान थी कब से
इसे पहचाना अब जा के
जीना तो सिख लिया था कब से
शुरू किया तुम से मिल के
जा कहें जान कहें या जानेमन
बिना तेरे अधूरे अधूरे से हम
जी को सुकून आए कहीं न
कविता तेरे दिलचस्प बाहों के बिन
जिन्दगी का अटूट रिश्ता साँसों से
साँसों का धड़कनों से आ जा के
धड़कनों का पता मालूम था दिल से
इस गली में आना हुआ तेरा साथ पा के
दोस्त कहें यार कहें या प्यार
कैसे करें हम तेरा शुक्रगुज़ार
जीने का जगाया है अहसास खुल के
मन के भीतर झांकने का रास्ता दिखा के।