Vinay Panda

Tragedy

2.6  

Vinay Panda

Tragedy

जल है तो जीवन है !

जल है तो जीवन है !

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जल की एक बूँद

ज़िन्दगी छिपी है जिसमें

लोग पानी समझ कर जिसे

गटर में बहा रहे हैं !


पानी की कीमत उन झरनों से पूछो

बहता है जो कल-कल

घिसते उन पहाड़ों से पूछो..


नहीं समझोगे मानव हो ना..

अपने ही हाथों धूल में मिलना

जो तेरी फितरत है

एक बूँद को तरसते उन

पक्षियों से पूछो..


वह दिन भी दूर नहीं जब

तुम भी तरसोगे

तेरे तो पंख भी नहीं

सोचों पैर से कितना भटकोगे..!


समझ रे मानव जल की कीमत तू

कुछ तो जल का संरक्षण कर ले

धन और सम्पत्ति से क्या होगा

जल के बिना तेरी पीढ़ी

सूख कर मर जायेगी..!



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