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DR. RICHA SHARMA

Romance

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DR. RICHA SHARMA

Romance

यादगार लम्हों संग

यादगार लम्हों संग

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वर्तमान युग की उधेड़बुन में जी रही हूँ यादगार लम्हों संग। 

कभी करते थे आप तंग अब लड़ रही हूँ ज़िंदगी से जंग।। 


आपके साथ बिताए पल आज बहुत तड़पाते हैं। 

खुली आँखों से ही अक्सर मुझे ख्वाब जगाते हैं।। 

पुष्प खिलाने वाले आप कहीं नज़र नहीं आते हैं। 

पारिवारिक सदस्य मुझे सब बहुत समझाते हैं।। 


इस धरा पर आप मुझसे मिलने आए थे।

हम दोनों ने खुशी के गीत गुनगुनाए थे।। 

मेरे जीवन में दुख के काले बादल छाए थे। 

जलते हुए दीप आज अचानक बुझ आए थे।। 


आज भी नज़रें कर रही हैं आपकी तलाश। 

एक बार फिर से आ जाएं आप काश।।

माना कि जीवन में नहीं होना चाहिए निराश। 

पर आपके बिना मैं हो गई हूँ केवल जिंदा लाश।। 


मुझे पूरा है विश्वास कि आप अवश्य आएंगे। 

मेरे उजड़े जीवन को पहले के समान सजाएंगे।। 

भूतकाल के पल भविष्य में पुनः लौट आएंगे। 

परमात्मा मेरी बिगड़ी जोड़ी अवश्य बनाएंगे।। 


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