*विषय-मेरा अनमोल बचपन*
*विषय-मेरा अनमोल बचपन*
मेरा अनमोल बचपन सदैव प्रेरणा देता है।
जीतने की कला मेरे अंतर्मन में भर देता है।।
मेरा अनमोल बचपन बड़ों की सीख पर चलता था।
बुज़ुर्गों की राय लेकर किया हर काम सिरे चढ़ता था।।
अनुशासन, ईमानदारी और सच्चाई की राह दिखाता था।
मेरा बाल्यकाल हर परिस्थिति में केवल मुस्कुराता था।।
मेरा अनमोल बचपन फूलों के समान सुगंध फैलाता है।
अतीत से लेकर आज वर्तमान तक हर रिश्ता महकता है।।
निर्मल, स्वच्छ तथा शुद्ध विचारों संग आगे बढ़ता जाता है।
बचपन की स्मृतियों संग नई ऊँचाइयों तक ले जाता है।।
मेरा अनमोल बचपन प्रसन्नता से रहता था हरा-भरा।
आज कलयुग में कोई मिलता है खोटा तो कोई खरा।।
प्रेम, प्रेरणा व सहानुभूति दिखाई देता है धरा पर धरा।
सुनहरे बचपन को फिर लौटा दीजिए यही है मेरा मशवरा।।
मेरा अनमोल बचपन सपरिवार गजानन को पूजता था।
परोपकारी भावना मन में लिए सबकी सेवा करता था।।
किसी के लिए कोई समस्या नहीं बस समाधान बनता था।
नादान मेरा प्यारा व न्यारा बचपन सबका ध्यान रखता था।।
हे प्रभु! मेरा अनमोल बचपन हो सके तो वापस दे दीजिए।
आपके ही द्वारा प्रदान की गई ज़िंदगी को विशेष कीजिए।।