बस गए हो।
बस गए हो।
आँखों मे तुम बस गए हो।।
अपने भी तुम बन गए हो।।
रातें यूँ ही गुजर जाती हैं।
मन में तुम बस गए हो।।
दिल अब लगता नहीं कहीं।
दिल में तुम बस गए हो।।
राहत अब मिलती नहीं है।
सपनों में तुम बस गए हो।।
रिश्ता अब यह गहरा हुआ है।
नयनों में तुम बस गए हो।।

