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Yoshita Sabharwal

Romance

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Yoshita Sabharwal

Romance

dosti

dosti

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कुछ अंजान अपने बन जाते हैं

ये वो लोग हैं जो हमे अपनाते हैं

अपनी छोटी से छोटी बात इनको बताते हैं

यही वो दोस्त हैं जो दिल को छू जाते हैं


हम कभी सोचते नहीं कि ये क्या सोचेंगे

जो भी अंदर है बस इनको बताते हैं

जब मुश्किल हो तो उसका हल ये ढूंढते हैं

मुश्किल हटने के बाद यही हमे सुधारते हैं


लड़ते भी इनसे हैं

ढूंढते भी इन्हें हैं

जब दुखी हों यही तोह हंसाते हैं

बस बिना किसी मतलब साथ निभाते हैं

यही वो दोस्त हैं जो दिल को छू जाते हैं


खुद उल्टा सीधा बोल कर अपना हक जमाते हैं

यही कोई कुछ बोल दे तो उसके खिलाफ खड़े हो जाते हैं

हमेशा हौंसला देकर आगे बढ़ाते हैं

यही वो दोस्त हैं जो दिल को छू जाते हैं


इनके बिना जिंदगी फीकी पड़ जाती है

हसी और खुशी तो जैसे गुम सी जाती है

इनकी गालियां भी प्यार बरसाती हैं

ऐसी दोस्ती ही तो दिल को छू जाती है


प्यार इनसे इतना कि शबद कम पड़ जाएं

इनके लिए तोह हम सब कुछ कर जाएं

इनकी दुआ हिम्मत बढ़ाती हैं

ऐसी दोस्ती दिल छू जाती है।


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