Vishabh Gola

Romance

4.5  

Vishabh Gola

Romance

इजाज़त दे

इजाज़त दे

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आंखें मेरी यह अक्सर तुझसे

गुजारिशें करती हैं

मन में मेरे यूं रोजाना

ख्वाहिशें बढ़ती हैं


तेरे सपनों में आ के

तुझे चुरा लूं

आंखें खुले तो

बांहों में पालूं

इतनी मुझे इजाज़त दे


खुशियों के पल तेरे

मैं बन जाऊं

वक्त में साथ कभी

तेरे थम जाऊं

बन जाऊं ऐसा कोई

करी मैंने इबादत है


तेरे सपनों में आ के

तुझे चुरा लूं

आंखें खुले तो

बांहों में पालूं

इतनी मुझे इजाज़त दे


आओ कभी पास मेरे 

तुम हूर की तरह

बस जाऊं इन आंखों में

मैं नूर की तरह

जिसे छोड़ना मुश्किल हो

बन जाऊं मैं वही

ऐसी मेरी आदत है


तेरे सपनों में आ के

तुझे चुरा लूं

आंखें खुले तो

बांहों में पालूं

इतनी मुझे इजाज़त दे


कोई लफ्ज़ ना कहूं

लटें सवार के तेरी

आंखों से बातें करूं

तेरे चेहरे पर मुस्कुराहट की 

मैं वजह बन जाऊं

हर बार जिसे तू चाहे

वो मज़ा बन जाऊं

तेरी नज़दीकियां धड़कनों की हरकत हैं

तारीफें कम है तुझमें ऐसी नज़ाकत है


तेरे सपनों में आ के

तुझे चुरा लूं

आंखें खुले तो

बांहों में पालूं

इतनी मुझे इजाज़त दे



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