Vishabh Gola

Romance

4.7  

Vishabh Gola

Romance

"जुगनू''

"जुगनू''

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जिस वक्त सताया मुझे मेरी तन्हाइयों ने

तेरी यादों के जुगनू टीम-टिमा गए

जैसे रोजाना की फीकी नींद में तेरे ख्वाब सजा गए

मीठी सी बोली तेरी और प्यारी सी कशिश का एहसास करा गए


धूप में तेरी जुल्फों की सोने सी चमक

लहराती जुल्फें हवाओं की फिजा़ओं में

लगे खूबसूरत पहेलियां सी

जैसे कर रही हो बातें दो सहेलियां सी


गुलाब जैसे कुदरत ने तेरे होठों पर सजाए

आंखें बिना कुछ कहे प्यारी सी दास्तां सुनाए

कातिलाना हंसी मुझे दीवाना कर जाए

देख कर तेरी अदाएं फागुन भी शर्माए


जिंदगी के फीके कैनवस पर बिखरे थे जो रंग

वजह बस एक ही, तू थी मेरे संग

वो वक्त ही कुछ हमारा था

तेरा नजारा ही मुझे सबसे प्यारा था


करके बस दूर से तेरे दीदार

पशमीना से मोहब्बतों के अल्फाज पीरों कर 

इश्क की कलम सी सुई में,

कागज पर सजाते, तारीफों के साथ

करे तेरा इंतजार 


जिस वक्त सताया मुझे मेरी तन्हाइयों ने

तेरी यादों के जुगनू टीम-टीमा गए

जैसे रोजाना की फिकी नींद में तेरे ख्वाब सजा गए

मीठी सी बोली तेरी और प्यारी सी कशिश का एहसास करा गए.



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