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Vishabh Gola

Romance Fantasy

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Vishabh Gola

Romance Fantasy

खाली हाथ

खाली हाथ

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नज़दीकियां जो कमाल थी

गाना गाती कोई जुबान थी

हाथ में मेरे हाथ था तेरा, ये धड़कनें भी जवान थी

कहां गुम हो गई, तलाशता यह मन है


नजारा तेरा अब झलकता नहीं

एहसान कर दे, दिल पर हाथ रख दे

ये दिल अब धड़कता नहीं

यादें हैं मगर नहीं है तेरा साथ

जो अमीर ज़ादे थे कभी, आज रह गए खाली हाथ


महकती थी जो हवाएं

इत्र भी तेरे आगे फीका था

हंसती थी जो दिल चुरा कर

क्या यही तेरा तरीका था

तलाशता ये मन है ना जाने कहां-कहां

कहां गुम हो गई दीवाने की दुश्मन वो बेपरवाह

भूल गए वो खुशबू, याद है तेरे करामात

जो अमीर ज़ादे थे कभी, आज रह गए खाली हाथ


चिट्ठियां जो मिलती अल्फाजों का तोहफा सा

मृगतृष्णा के जैसा एक धोखा सा

चिट्टियां रास्ता भटक गई, या लिखी ही नहीं तुमने कभी वो बात

ना आई कभी चिट्ठी, ना हुई कभी मुलाकात

जो अमीर ज़ादे थे कभी, आज रह गए खाली हाथ।


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