"आप महान हो पापा''
"आप महान हो पापा''
रोटी बनाने वाले हाथों की तो सभी तारीफ करते हैं
आज रोटी कमाने वाले हाथों की चर्चा करते हैं
साइकिल के दो पहिया चलाएं
परिवार की जिंदगी का चक्र चल सके
काबिलियत होने के बाद भी बच्चों को काबिल बनाएं
ताकि दुनिया उन पर नहीं बच्चों पर फक्र कर सके
इतनी महानता से तो इंसान भगवान कहलाता है
कौन है वह शख्स जो अपनी फटी कमीज़ छोड़कर
मेरी शेरवानीयों पर बटन टाकता है।
हमारी खुशियों को खरीदने के लिए
खुद की खुशियां बेच जाना कम थोड़ी है
पेट काट के हमें खिलाना
एहसान जताना पिता के जहन में थोड़ी है
खाली पेट है खुद मगर आज भी
अपने हिस्से की रोटी मेरी थाली में छोड़ी है.
शब्दकोश के पन्ने पलटे कई
अर्थ ना ढूंढ पाया कहीं
शब्दकोश भी कैसे अर्थ बतातती आपकी जवानी के बीते वर्षों का
आपका चेहरा देखा अर्थ समझ आया मुझे संघर्षों का
बड़े मकान नहीं है तो ,क्या बड़ी आफत है?
आप मेरे सर पर प्यार से हाथ रख दो पापा
मेरे लिए तो यही सबसे बड़ी छत है.
मेरी मुस्कुराहट के लिए अपनी मुस्कुराहट का कर्ज है
आपके लिए मेरा प्यार दिल में सदा के लिए दर्ज है
कोशिश मैंने करी जो लिख सकता था
ऐसी कौन सी बात है जो लिखना भूल गया पता नहीं
क्या करूं ऐसी बहुत सी बातें सिर्फ जहन में है लेकिन जुबां पर नहीं।