एक झील मेरे मन की कुछ गहरी ,कुछ ठहरी सी याद मुझे जब आती , है तेरे बचपन की मेरी आँखों मे... एक झील मेरे मन की कुछ गहरी ,कुछ ठहरी सी याद मुझे जब आती , है तेरे बचपन क...
हर घड़ी खुद में हैं उलझे आदमी अब नहीं दिखते हैं हंसते आदमी हर घड़ी खुद में हैं उलझे आदमी अब नहीं दिखते हैं हंसते आदमी