ग़ज़ल :-
ग़ज़ल :-
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तुझ में खो जाऊँ मैं कहीं गहरे ।
ये ज़मीन आसमान मुझे ढूंढे ।
क़तरा क़तरा कोई मुझे ओढ़े ।
बन के चन्दन मेंरा बदन महके ।
ये बहारें भी फिर लहक जाए ।
वो दिवानों सा जब मुझे चूमे ।
जब भी ओढूं तुझे महकता हूँ ।
इस तरह तू वजूद में चमके ।
कैसा जादू तेरी छुअन में है ।
शब ये शब भर शराब सी बहके ।