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Ashok Goyal

Romance

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Ashok Goyal

Romance

ग़ज़ल :-

ग़ज़ल :-

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ठहरा रहा वक़्त कि लम्हा नहीं गुज़रा।

तू न था, तो कुछ यहाँ अच्छा नहीं गुज़रा।


मुद्दतों से तू मेरा हमराह रहा है।

मैं किसी भी राह से तन्हा नहीं गुज़रा।


ले के जो आया यहां पैग़ाम ए महब्बत।

ऐसा कोई पहले फ़रिश्ता नहीं गुज़रा।


नक़्श थे चहरे पे ग़ज़ब सादगी के रंग।

क़ब्ल कोई ऐसा भी, चेहरा नहीं गुज़रा।


इतना भी आसां नहीं था, ख़ुद से गुज़रना।

साथ मिरे, जब मेरा साया नहीं गुज़रा।


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