मुहब्बत की तपिश
मुहब्बत की तपिश
रहेंगे यार ये हालात कब तक
चलेगी साथ मेरे रात कब तक
मुहब्बत की तपिश में जल रहा हूँ
बुझायेगी इसे बरसात कब तक।
तुम्हारा ख़्वाब ठहरा ताज जैसा
कटाये कोई अपने हाथ कब तक।
रहेगा उम्र भर ये खेल जारी
चलो देखें मिलेगी मात कब तक।
सफ़र ये ख़त्म होना ही नहीं है
निभाये कोई मेरा साथ कब तक।